गुर्दे (किडनी) आपके शरीर के महत्वपूर्ण अंगो मे से एक है, इसका मुख्य कार्य खाने को फिल्टर कर के कचरे और रक्त में से विष को खत्म करने में मदद करता है।
यह आपके रक्तचाप को नियंत्रित कर के लाल रक्त कोशिकाओं को बनाता है और आपकी हड्डियों को मजबूत करता है।
संकेतों और लक्षणों से अनजान होने के कारण अनेक लोग ख़राब गुर्दे की बीमारी से संघर्ष करते है।
गुर्दे (किडनी) की बीमारी का प्रारंभिक संकेत आज के ब्लॉग में हम आपको बताएंगे, उन संकेतों के बारे में जो आपके संकेत देते हैं की किडनी किस प्रकार की परेशानी में है।

नंबर एक: उच्च रक्तचाप
हाल के आकड़ों के अनुसार उच्च रक्तचाप गुर्दे की खराबी के लिए सबसे आम कारण है। आपकी किडनी और रक्त वाहिकाएं बहुत अधिक बारीकी से जुड़े हुए है। गुर्दे बहुत अधिक रक्त वाहिकाएं का उपयोग करते हैं विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए। यह आपके संचार प्रणाली से काफी निकट से जुड़े हुए हैं।
उच्च रक्तचाप आपके गुर्दे पर बहुत नकारात्मक प्रभाव डालता है। उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। उच्च रक्तचाप गुर्दे की क्षमता को कम कर देते हैं और रक्त वाहिकाओं को ठीक से काम नहीं करने देता। एक बार रक्त वाहिकाओं और गुर्दे क्षतिग्रस्त हो जाये तो आपके शरीर से विषाक्त भोजन का फ़िल्टर होना बंद हो जाता है जिस कारण पुरे शरीर मे रक्त की गुणवत्ता मे कमी आ जाती है और इसी को गुर्दे (किडनी) की बीमारी कहते है।
नंबर दो: बार-बार बाथरूम जाना
यह एक संकेत हो सकता है कि आपके गुर्दे के साथ कुछ गलत हो रहा है। जब किडनी के फिल्टर खराब हो जाते हैं, विशेष रूप से रात में पेशाब करने की इच्छा बार बार होती है। हालांकि कभी-कभी अक्सर बार-बार पेशाब जाना पुरुषों में संक्रमण या बढ़े हुए प्रोस्टेट का संकेत भी हो सकता है। दिन का समय चार से दस बार पेशाब करना सामान्य माना जाता है लेकिन इससे अधिक कुछ भी असामान्य है।
नंबर तीन: पीठ दर्द
आपकी पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द होना गुर्दे की परेशानी का एक और प्रमुख लक्षण है। आप के कमर या कूल्हे के क्षेत्र मे दर्द और कभी-कभी दर्द आपके पैर तक पहुंच जाता है। इस तरह की गुर्दे की समस्याओं का संकेत अक्सर पथरी, गुर्दे के संक्रमण की और गुर्दे की चोटों की तरफ इशारा करती है। ध्यान रखें कि पीठ में दर्द जिस की वजह गुर्दे की समस्याओं से होता है उनमे बीमारी की भावना, उल्टी, उच्च शरीर का तापमान और
बार-बार पेशाब आना होता है। अगर बिना किसी बुखार के अचानक आप पीठ दर्द का अनुभव करते हैं और
दर्द निवारक गोलियां बेअसर हैं तो सुनिश्चित करें कि आप अपने डॉक्टर को एक बार जरूर दिखा ले।
नंबर चार: टखनों और पैरों की सूजन
टखनों और पैरों की सूजन एक महत्वपूर्ण संकेत है।आपकी किडनी का कार्य संतुलन बनाना होता है आपके सोडियम और पोटेशियम के स्तर मे। जब आपके गुर्दे को कार्य करने में परेशानी होती है तो यह अतिरिक्त सोडियम और तरल पदार्थ को बनाए रखने के लिए शरीर के अंदर प्रवाह होता है और आपके पैरों में ज्यादातर तरल पदार्थ जमा होते चला जाता हैं। खराब रक्त परिसंचरण के कारण हाथ पैरों और टखनों में सूजन हो सकती है।
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नंबर पांच: सांस की तकलीफ
आपको जानकर आश्चर्य हो सकता है लेकिन गुर्दे की बीमारी और सांस की तकलीफ का सम्बन्ध होता है।
मुख्य रूप से इसके दो कारकों होते है,पहला, आपके शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ का फेफडो के अंदर चला जाना जिस कारण आपके गुर्दे सही काम नहीं करते हैं।
दूसरा एनीमिया जो आपके शरीर को ऑक्सीजन से वंचित कर सकता है, सांस की तकलीफ, ऑक्सीजन की कमी का परिणाम होता है। याद रखें कि सांस की तकलीफ के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अस्थमा, कैंसर या दिल की विफलता हो सकती हैं।
नंबर छः स्पष्ट रूप से सोचने में कठिनाई
स्पष्ट रूप से सोचने में कठिनाई और ध्यान केंद्रित करने मे कमी आना गुर्दे की परेशानी हो सकती है।आप मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस करते हैं । शोध के अनुसार स्पष्ट रूप से सोचने और समझने की कार्यक्षमता में कमी आती है तो यह गुर्दे की विफलता का कारण बनती है।
अगर आप को भ्रम होता है सोचने और समझने मे या ध्यान केंद्रित करने मे, अगर आपको लगता है की आपका दिमाग पूरी तरह से काम नहीं कर रहा है तो आपको जल्द किसी डॉक्टर की सलाह लेने की कोशिश करे।
नंबर सात: सूखी और खुजली वाली त्वचा
जो सूखी और खुजली वाली त्वचा आप जो अनुभव कर रहे होंगे वो सिर्फ एक मौसम की प्रतिक्रिया से अधिक हो सकता है, अत्यधिक यूरिया और रक्तप्रवाह के कारण गंभीर खुजली हो सकती है जिस कारण आपका गुर्दे का स्वास्थ बिगड़ जाएगा।अनुसंधान ने संकेत दिया है कि 40% जानलेवा किडनी वाले रोग युरेमिक/ इटिस या क्रोनिक को विकसित करते है। आपकी किडनी आपके शरीर मे खनिजों की सही मात्रा बनाये रखने का काम करती है परन्तु जब किडनी खनिजों का सही संतुलन रखने में सक्षम नहीं होती हैं तो यह सूखी और खुजली वाली त्वचा पैदा हो सकती है।
नंबर आठ: थका हुआ लगना
थकान और चक्कर आना एक आम बात है परन्तु यह आपकी किडनी की परेशानी का संकेत हो सकते है यदिआप गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं। इसका एक सामान्य दुष्प्रभाव है जिसको एनीमिया नामक स्थिति कहते है। गुर्दे सामान्य रूप से एक हार्मोन का उत्पादन करते हैं जिसे एरिथ्रोपोइटिन या ईपीओ कहा जाता है जो अलर्ट करता है
आपकी अस्थि मज्जा (bone marrow) को नए लाल रक्त कोशिकाएं बनाने के लिए और यदि आप एनीमिक हैं तो आपकी लाल रक्त कोशिकाओं की आपूर्ति में कमी रहेगी और आपके शरीर में कम ऑक्सीजन होगी जिस से आप थकान या चक्कर आना महसूस करते है यह एनीमिया के सामान्य लक्षण हो सकते हैं।
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव या ये खड़े होने मे मुश्किल भी एनीमिया के संकेत हो सकते है,
आपका शरीर पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बना रहा है, जो आपके गुर्दे से संबंधित हो सकती हैं हो सकता है आपके गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
आपका शरीर पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बना रहा है, जो आपके गुर्दे से संबंधित हो सकती हैं हो सकता है आपके गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
एनीमिया के अन्य लक्षणों में शरीर का पीला पड़ना शामिल है, त्वचा पैर की ऐंठन और तेजी से दिल की धड़कन इन बीमारियो का व्यापक इलाज के दौरान किडनी संबंधी स्थिति की खोज हो सकती है।
नंबर नौ: ठंडा या गरम लगना
ऐसी स्थितियाँ जो आपको ठंड लगने से संबंधित हो सकती हैं गुर्दे की समस्याएं बुखार होने पर भी हो सकती है। अगर आपके गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे है तो यह मूत्र से सम्बन्धित कचरे का संचय कर सकता है जिस कारण आपके शरीर का तापमान कम होगा या हाइपोथर्मिया हो सकता है आप ठंड के महीनों को सहन करने में कठिनाई महसूस करेंगे और यह आपको ठंड का एहसास गर्म परिस्थितियों में भी करा सकती है।